गुजरात :-देश के लिए 49 मेडल्स लाने वाली स्पोर्ट्स वूमन रजिया शेख का जीवन हुआ बदहाल

10×12 की खोली, एक खाट और सामान रखने के लिए रेक, रेल्वे के पेंशन से बहन और भांजी की जवाबदारी के साथ बमुश्किल दिन गुजार रही हैं, स्पोर्ट्स वूमन रजिया शेख। देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेडल दिलाकर गौरव बढ़ाने वाली शहर की स्पोर्ट्स वूमन रजिया शेख को स्कॉलरशिप देने की घोषणा सरकार ने दो साल पहले की थी, आज तक एक पैसा भी नहीं मिला। दिल्ली में एथलीट मीट में 47.80 मीटर भाला फेंका…
रजिया शेख ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि जब मैं 12 साल की थी, तब पहली बार मैं क्रिकेट के मैदान में उतरी। पिता क्रिकेटर थे। उनके साथ मैं पिच पर पानी डालकर रोलर चलाती। मुझे क्रिकेट खेलना बहुत अच्छा लगता था। इसके लिए मैं स्कूल की दीवार को फांद जाती। 1975-76 में पोलोग्राउंड के सामने सेंट्रल एक्साइज की ऑफिस के पास 100-200 मीटर दौड़, लांग जम्प, गोला चक्र और भाला फेंक के खेल होते थे। मैंने इसमें भाग लिया और सभी में अव्वल रही। मुझे पुरस्कार भी मिले।