बतौर सीएम अखिलेश यादव की उपलब्धियां

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की बतौर यूपी के सीएम उपलब्धियां कुछ कम नहीं थीं. उम्मीद जताई जा रही थी कि अपने विकास कार्यों की बदौलत अखिलेश दोबारा सत्ता के सिंहासन पर आसीन हो जाएंगे लेकिन ऐसा हो नहीं पाया और जनता ने भारतीय जनता पार्टी को अभूतपूर्व बहुमत के साथ यूपी की सत्ता सौंप दी.
बतौर सीएम अखिलेश यादव की उपलब्धियां :
अखिलेश यादव यूपी के पूर्व सीएम और बड़े समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव के पुत्र हैं. अखिलेश यूपी के 20वें और सबसे युवा सीएम थें. अखिलेश यादव सीएम बनने से पूर्व कन्नौज सीट से लोकसभा के सदस्य भी रह चुके थें.
आइए एक निगाह डालते हैं अखिलेश यादव के विकास कार्यों की श्रृंखला पर –
*आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे
यह एक सिक्स लेन एक्सप्रेस वे है, जिसे भविष्य में 8 लेन तक विस्तृत किया जा सकता है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में इस परियोजना के पूरा होने के बाद से आगरा से लखनऊ की दूरी महज तीन घंटे हो चुकी है. 302 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस वे को यूपी एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बनाया है. यह भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे है. तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने इसका उद्घाटन 21 नवंबर 2016 को किया था. इस परियोजना की लागत 15 हजार करोड़ रुपये अनुमानित थी लेकिन अखिलेश ने अपनी निगरानी में इसे 13 हजार करोड़ रुपये में पूरा कराया.
लखनऊ मेट्रो
सीएम रहते अखिलेश यादव ने लखनऊ मेट्रो के लिए जून 2013 में ही एनओसी दे दी थी. लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना भी अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजक्ट था, जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने दिन रात एक कर दियाय. महज 02 साल 02 महीने की अल्प अवधि में लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना पूरी हुई. लखनऊ मेट्रो परियोजना में करीब दो हजार करोड़ रुपये खर्च हुए. ये भारत की सर्वाधिक अत्याधुनिक तकनीक वाली मेट्रो रेल परियोजना है.
बिजली परियोजनाएं
अखिलेश यादव ने राज्य की बिजली व्यवस्था को सुधारने की भरपूर की कोशिश की. ये अखिलेश की कोशिशों का ही नतीजा है कि आज यूपी के हर गांव तक बिजली पहुंच चुकी है. दिसंबर, 2016 में अखिलेश ने 52 हजार 437 करोड़ रुपये की विद्युत परियोजनाओं का लोकापर्ण किया था. ये सभी परियोजनाएं 33 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण से संबंधित थीं.
वहीं अखिलेश ने 10, 566 करोड़ रुपये की जवाहरपुर थर्मल पॉवर प्लांट और ओबरा सी पॉवर प्रोजेक्ट को भी पूरा कराया जिनसे प्रदेश को 1320 मेगावाट बिजली मिलनी शुरु हुई.
पुलिस बल को अत्याधुनिक बनाया
सीएम रहते अखिलेश यादव ने राज्य की पुलिस व्यवस्था को भी खूब चुस्त दुरुस्त बनाने की कवायद शुरु की. उन्होंने यूपी पुलिस को मॉर्डन बनाया. नई तकनीक से लैस किया. लखनऊ, गाजियाबाद और इलाहाबाद में नियंत्रण कक्ष की स्थापना की. अखिलेश यादव ने यूपी की सभी पुलिस लाइनों को रहने युक्त बनाया. पुलिसकर्मियों के रहने, खाने और ट्रेनिंग की सुविधा पर हजारों करोड़ रुपये खर्च कर उन्हें सुविधाएं प्रदान की.
कामधेनु योजना
वर्ष 2013 में अखिलेश यादव ने कामधेनु योजना की शुरुआत की. इस योजना ने जहां यूपी के पशुपालकों को खुशहाल बनाया तो वहीं यूपी का दुग्ध उत्पादन भी बहुत तेजी से बढ़ा.
इस योजना के तहत दुग्ध उत्पादक पशुपालकों को कम ब्याज पर ऋण के साथ साथ आधुनिक ट्रेनिंग सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती है. इससे यूपी के लाखों किसान अब तक लाभान्वित हो चुके हैं. इस योजना में 25 से लेकर 100 मवेशियों के पालन के लिए सरकार सहायता उपलब्ध कराती थी. सरकार बदलने के बाद अब इस योजना की हालत खस्ता हो चुकी है.
किसान एवं सर्वहित बीमा योजना
अखिलेश यादव ने समाजवादी किसान एवं सर्वहित बीमा योजना की नींव रखी थी. इस योजना के तहत यूपी के किसान एवं कमजोर वर्ग के लोगों को आर्थिक और सामाजिक सहायता प्रदान किया जाता है.
इस योजना के तहत राज्य भर के वैसे किसान एवं कमजोर वर्ग के लोग जिनकी सालाना पारिवारिक आय 75 हजार रुपये से कम हैं और जिनकी उम्र 18 साल से 70 साल के बीच है, उन्हें बीमा रक्षा दिया जाता है. इसमें 05 लाख रुपये तक का व्यक्तिगत बीमा होता है.
बीमित व्यक्ति और उनके परिजनों को भी ढाई लाख रुपये तक की चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाती है. इस योजना का लाभ आम आदमी तक पहुंचे, इसके लिए सीएम अखिलेश ने 24 घंटे काम करने वाली हेल्पलाईन नंबर की शुरुआत भी की.
लोहिया आवास योजना
लोहिया आवास योजना भी सीएम अखिलेश की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक थी. अखिलेश यादव की सोच थी कि हर गरीब के सिर पर छत हो. इसके लिए 36 हजार रुपये सालाना पारिवारिक आय वाले परिवारों को 3 लाख 05 हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती थी. इस योजना के तहत पूरे उत्तर प्रदेश में दो लाख से ज्यादा लोगों को आवास की सुविधा दी गई.
किसान बाजार
अखिलेश यादव की सरकार ने अवध शिल्प ग्राम के नाम से विश्वस्तरीय किसान बाजार की नींव रखी. दिल्ली हाट की तर्ज पर 20 एकड़ के क्षेत्रफल में करीब 200 दुकानों का निमार्ण किया गया. . इसमें 50 वातानुकूलित दुकानों के अलावा अलग अलग प्रदेशा के लिए स्टॉल भी बनाए गए थें. इसमें व्यापार के साथ साथ मनोरंजन के लिए ऑडिटोरियम, एम्पीथियेटर, फूडकोर्ट, प्रदर्शनी हॉल, कैफेटेरिया के साथ मनोरंजन के कई साधन उपलब्ध कराए गए थें.
इस किसान बाजार का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ करता था कि यहां किसानों के साथ साथ स्थानीय उत्पादक, दस्तकार और उद्यमी अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगा कर उनकी बिक्री कर सकते थें. अलग अलग प्रदेशों के व्यापारी लगातार इन शिल्प ग्रामों में पहुंचने लगे थें.
आईटी के क्षेत्र में
ये अखिलेश यादव के नेतृत्व का ही कमाल था कि बड़ी आईटी कंपनी एचसीएल को यह कहने पर मजबूर होना पड़ा कि भारत का अगला आईटी हब अब लखनउ बनने जा रहा है. अखिलेश यादव ने लखनऊ के चकगंजरिया फॉर्म को सीजी सिटी के तौर पर विकसित करने की शुरुआत की. इस सीजी सिटी में आईटी सिटी, आईटी पार्क सहित ट्रिपल आईटी, मेडिसिटी, सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पीटल, कॉर्डियो सेंटर, एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी, डेयरी प्रोसेसिंग प्लांट और मॉर्डन टाउनशिप भी बनाई गई. अखिलेश यादव की सरकार में ही लखनउ के अलावा मेरठ, आगरा, कानपुर, गोरखपुर और गाजियाबाद में भी आईटी पार्क की स्थापना हुई.
इन सबके अलावा यूपी में जनेश्वर ग्राम विकास योजना, कन्या विद्याधन योजना, साईकिल और लैपटॉप वितरण जैसे कार्यक्रमों में राज्य में विकास को मजबूती प्रदान की.